सफलता के मूल मंत्र | How to Attract succulents easily | only 1 rule

सफलता के मूल मंत्र, सफलता के सूत्र, भाग्यशाली बनें, success formula सीखें, इंस्पायर करना सीखें

सफलता के मूल मंत्र

जीवन में हर कोई सफल होना चाहता है, असफलता को धक्के देते हुए सफलता की श्रेणियों में चढ़ना चाहता है पर यह इतना भी आसान नहीं है या यूं कहें कि मेहनत करने वालों को इस सफलता के मूल मंत्र का पता नहीं होता।

इस सफलता के सूत्र को जानने पर आपकी मार्ग में आने वाली बड़ी-बड़ी बाधाएं स्वतः ही दरकिनार होकर हट जाती हैं। आप चाहे जिस किसी भी फील्ड में हो आपके लिए सफलता के हर दरवाजे खुल जाते हैं,  आप सफलता की सीढ़ियों पर आसानी से चढ़ने लगते हैं। आप भाग्यशाली भी हो जाते हैं कुछ ऐसे चमत्कार होने लगते हैं जिसे आप खुद देख कर हैरान हो जाते हैं प्रकृति भी आपका साथ देने लगती है तो आइए जानते हैं सफलता के मूल मंत्र को।

सफलता के मूल मंत्र

कड़ी मेहनत करने के बाद भी अगर आपको सफलता की झलक भी दिखाई ना देना पड़े अथवा आप की दिशा ही सही ना हो अथवा किसी अन्य कारण से आप सही रास्ते में चलने के बावजूद कुछ कारणवश रास्ते से भटक जाएं और आप इस भटकाव में ही गुम हो जाते हैं।  चाहे आप कड़ी से कड़ी मेहनत करने वाले ही क्यों ना हो अगर सामने अंधेरा हो तो लक्ष्य दिखाई ही नहीं पड़ता अगर आपको लक्ष्य ना दिखे तो आप कितना ही तीस मार खान क्यों ना हो आप उसे प्राप्त नहीं कर सकते।

आइए जानते हैं इस सफलता के मूल मंत्र को जिससे भाग्य भी आपका साथ देने लगती है और अवसर भी अपने आप आपके पास चले आते हैं। प्रकृति भी आपको लाड प्यार दिखा कर आपका मार्गदर्शन करती है और उस एक मंत्र का नाम है –  स्वयं को गिवर के रूप में विकसित करना।

हम गिवर को जानने से पहले आइए लोगों के प्रकार को समझते हैं-

देने-लेने के आधार पर लोगों के प्रकार

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कोई उदारवादी होता है, कोई देने की चाह रखता है और कोई लेने की चाह रखता है कोई किसी से काम निकलवाता है तो कोई किसी का काम करता है और कोई ऐसे भी होते हैं जिन्हें काम करने में खुशी का भी अनुभव होता है।  इस आधार पर लोगों के तीन प्रकार होते हैं-

प्रकार विशेषता
टेकर्सदेने के बदले पाने की इच्छा रखना
मैचर्सबस पाने की इच्छा रखना
गिवर्सदेने की इच्छा रखना

टेकर्स (takers)

वे होते हैं जो किसी को कुछ देते हैं तो उसी इंसान से कुछ पाने की चाह रखते हैं और जब उन्हें कुछ मिल नहीं पाता तो वह हताश हो जाते हैं। 

मैचर्स (machers)

ये वे इंसान होते हैं जो हमेशा दूसरों से पाने की इच्छा रखते हैं।  ये हमेशा सोचते हैं कि हमें इसके बदले में कुछ देना ना पड़े मेरे ख्याल से ऐसी मानसिकता का होना इंसान को आत्मिक रूप से कमजोर बनाता है और मैं चाहता हूं कि हमारे balakvalue.in के रीडर्स में से किसी की भी मानसिकता बिल्कुल भी ऐसी न हो।

गिवर्स (Givers)

गिवर्स का मतलब होता है देने वाले।

गिवर का वास्तविक अर्थ

हमें सुनने को मिलता है कि हमें गिवर बनना चाहिए, देने वाला बनना चाहिए परंतु इसका सही मायने में अर्थ क्या है? इसका अर्थ है लेने के काबिल बनना। जब हम अपने जीवन में देना चुनते हैं तो हमें इसके बदले में बहुत सारी दुआएं मिलती हैं। जिन्हें हमने गिवर बनकर कुछ दिया होता है उनके हृदय से हमें दुआएं मिलती हैं जिनका प्रभाव बहुत ही सकारात्मक होता है जो हमें सफलता की सीढ़ियों तक पहुंचाता है। जब हम सफलता ( safalta ) की सीढ़ियों पर आत्म संतुष्टि के साथ चलना चाहे तो हमें गिवर बनना चुनना चाहिए।

गिवर बनने के लाभ 

 सफलता के मूल मंत्र गिवर क्या है? इसको समझने के बाद आइए जानते हैं इस सफलता के सूत्र को अपनाने से होने वाले लाभ के बारे में जिसके प्रभाव से आपकी जिंदगी संवर जाएगी।

आत्मिक शांति की अनुभूति

जब हम किसी को कुछ देते हैं तो इस देने का आनंद ना, बड़ा ही सुकून देने वाला होता है। हमें अंदर से आत्मिक संतुष्टि के साथ खुशी आती हुई दिखाई पड़ती है, हमारा ह्रदय गदगद हो जाता है ऐसे लगता है जैसे हम बस इसी शांति को ढूंढ रहे थे, अपार आनंद का स्रोत खुल गया हो ऐसा हमें लगने लगता है। अच्छा लगता है जब हमें ऐसा लगता है कि हमारे अंदर जितनी भी चिंताएं थीं सभी खत्म हो गई। देने का सुकून ना बड़ा ही गजब का होता है,  इस शांति को मैं शब्दों में नहीं पिरो सकता, इसका आनंद तो देने के बाद ही उससे मिलने वाली सुकून से पता चल सकता है।

अज्ञात मदद मिलने लगना

जब हम देना शुरू करते हैं तो जिसे हमने कुछ दिया है उसी के माध्यम से भले हमें मदद न मिले परंतु चाहे कहीं से भी हमारे काम बनाने के लिए, हमारे लक्ष्य को प्राप्त कराने के लिए स्वतः ही मदद मिलने लगती है जिसके बारे में हमने सोचा तक नहीं रहता और हमारे काम बनने लगते हैं। हमारे काम बनाने के लिए माध्यम अपने आप बनने लगते हैं, मदद आने लगती है चाहे यह मदद किसी भी माध्यम से आए । ऐसे लगता है कि जैसे कोई अज्ञात शक्ति हमारे काम को बनाने के लिए कार्य कर रही है और जब भी हमें मदद की आवश्यकता हो वह शक्ति काम करने लगती है।

मैं यह नहीं कहता कि आपके देने के बाद ही या किसी को कुछ देने के बाद ही अज्ञात मदद मिलने लगेंगे लेकिन धैर्य रखिए चाहे कुछ समय बाद ही क्यों ना हो जब आवश्यक हो मदद मिलने लगती है।

भाग्यशाली बनना

 इस सफलता के मूल मंत्र से भाग्य आपका साथ देने लगती है। आप भाग्यशाली हो जाते हैं, भाग्य कुछ ऐसा खेल दिखाती है जो आपके फेवर में होता है। कुछ ऐसी संभावनाएं अपने आप आपके सामने आने लगती है जो आप को भाग्यशाली बनाती है। आपके सबसे कठिन परिस्थितियों में भाग्य आपके साथ होता है, भाग्य आपका साथ देती है।

मैं आपको एक उदाहरण बताता हूं भाग्य के साथ देने के बारे में जो कि मेरी आपबीती है। मैं मानता हूं कि मैं इतना भी जीनियस नहीं हूं कि मेरी जॉब लगने के बाद मेरी पोस्टिंग अपने ही जिले में हो जाए लेकिन जब मैंने सहायक शिक्षक का पेपर दिया तो उस पेपर में पास होना तो क्या मैं पूरे अपने स्टेट में थर्ड नंबर पर आया मैं इसे अपना भाग्यशाली होना ही मानता हूं। मैं अपने आप को पूर्ण रूप से गिवर तो नहीं मानता, पर मैं देने में विश्वास रखता हूं।

“आप देने में विश्वास रखिए भाग्य भी आपको देने में विश्वास रखेगा”

अपनी मदद स्वयं करना

गिवर दूसरों की मदद करने के साथ-साथ स्वयं की भी मदद करता है क्योंकि सच्चा गिवर समझता है की जितनी दूसरों कि मदद करना आवश्यक है उतनी ही मदद अपने स्वयं के लिए भी आवश्यक है। इस प्रकार गिवर दूसरों के लिए सफलता का मार्ग प्रदर्शन करने के साथ-साथ स्वयं के लिए भी सफलता हेतु मार्ग चुनता है।

टैलेंटेड लोगों को पहचानना

 सामान्य लोगों की तुलना में गिवर दूसरों की खूबियों को ज्यादा बेहतर तरीके से देखकर पहचान लेता है।  गिवर में इस प्रकार की पावर होती है कि वह दूसरों की खूबियों को आसानी से पहचान लेता है भले ही जिसमें खूबी हो वह व्यक्ति स्वयं अपनी खूबियों को ना पहचान पाए। जिससे कि गिवर उन लोगों का मार्ग प्रशस्त कर उनको सफलता की सीढ़ी तक पहुंचाने में भी सहायक हो सकता है फलतः उन लोगों की जिंदगी में बहुत बड़ा सकारात्मक बदलाव आ सकता है।

इंस्पायर करने की क्वालिटी का विकास

 गिवर अपने कार्यों द्वारा लोगों को प्रभावित करता है जिससे वह केवल शब्दों से ही नहीं अपितु अपने कर्मों से भी लोगों को इंस्पायर करता है वह कुछ ऐसे कार्य करता रहता है जिससे समाज प्रभावित होता है और समाज गिवर की रेस्पेक्ट करने लगता है। समाज के लोग उसे देखकर प्रभावित होते हैं इस प्रकार गिवर स्वयं सफलता की सीढ़ी चढ़ते हुए लोगों को भी इंस्पायर कर लेता है। लोग उसकी इस क्वालिटी के कारण उससे ज्यादा जुड़ा हुआ महसूस करते हैं और उसका विश्वास करते हैं।

गिवर के लिए सावधानियां

गिवर बनने पर सफलता देर सवेर आपके हाथ आती ही है लेकिन गिवर को कुछ सावधानियां भी रखनी चाहिए। उसको हमेशा सतर्क रह कर देखना चाहिए कि कौन उसकी मदद के लायक है। उसे ना भी कहना आना चाहिए, उसे यह हमेशा याद रखना चाहिए की वह किसी की मदद करे परंतु यह ध्यान में बिल्कुल रखे कि कोई उसे बेवकूफ बनाकर उससे काम न निकाल पाए। उसे यह पहचान करना आना चाहिए कि कौन उसके मदद के लायक है और कौन बस उसका उपयोग करना चाहता है अर्थात उससे काम निकलवाना चाहता है। 

सफलता के सूत्र

सफलता के सूत्र कहें या फिर सफलता के मूल मंत्र एक ही है जोकि है देने की प्रवृत्ति मन में किसी को कुछ देने पर उससे कुछ मिलने की अपेक्षा न रखना ही सच्चे गिवर की पहचान है सफलता के सूत्र को हम एक लाइन में अगर पिरोना चाहे तो इसका सूत्र है- निस्वार्थ भाव से देने को हमेशा तैयार रहना। अगर आप इस सफलता के सूत्र को समझ लेते हैं तो आपको निश्चित ही अपने जीवन में सफलता जरूर मिलेगी।

“इस सनातन नियम को याद रखो-यदि तुम प्राप्त करना चाहते हो तो अर्पित करना सीखो – सुभाषचन्द्र बोस

FAQ

प्रश्न: गिवर किसी काम को करने के लिए सबसे ज्यादा मोटिवेट कब होते हैं?

Ans: जब गिवर को किसी काम को करते वक्त यह एहसास हो कि उस काम को करने से किसी व्यक्ति का भला होगा तो गिवर मोटिवेट होकर उस काम को पूरे समर्पण के साथ करते हैं।

प्रश्न: किस प्रकार के इंसान दूसरों को बिना स्वार्थ के सफलता ( safalta ) की सीढ़ी तक जाने में मदद करते हैं?

Ans: गिवर ऐसे इंसान होते हैं जो दूसरों को सफल कराने हेतु बिना स्वार्थ के पूरी जिम्मेदारी के साथ काम करते हैं।

प्रश्न: सफल होने के लिए कौन सा 1 गुण सबसे बड़ा गुण हो सकता है?

Ans: दूसरों को देने की इच्छा यह अपने आप में सबसे बड़ा गुण है जोकि हमें सफल बना सकता है क्योंकि हम जब किसी की मदद करते हैं तो उसकी दुआएं हमारी सफलता हेतु कार्य करने लगती हैं।

प्रश्न: कौन सा व्यक्ति सफल होने पर सबसे ज्यादा संतुष्ट महसूस कर सकता है?

Ans: जो गिवर होते हैं वे सफल होने पर सबसे ज्यादा शांति और संतुष्टि का अनुभव करते हैं। 

प्रश्न: सच्चे मायने में देना क्या है?

Ans: निस्वार्थ भाव से किसी को कुछ देना ही वास्तव में पाने का द्वार खोलती है अर्थात सफलता की सीढ़ियां तक पहुंचा सकती है इसलिए देना ही लेना है।

निष्कर्ष 

आज के इस लेख में हमने सफलता के मूल मंत्र को जाना जिसमें हमने जाना कि गिवर क्या है ? गिवर को मिलने वाले फायदे के बारे में हमने जाना तथा यह भी हमने समझा कि “देना ही लेना” है जो कि गिवर भली-भांति समझता है हमने यह भी जाना की गिवर अपने आप को सफलता दिलाने के साथ-साथ दूसरों को भी सफल बनाने की क्षमता रखता है।

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