खजूर की खेती कैसे करें? How to start best date planning business in Hindi 2023

खजूर की खेती कैसे करें। How to start date planning business in Hindi

खजूर की खेती कैसे करें? How to start best date planning business in Hindi 2022

खजूर की खेती कैसे करें के इस ब्लॉग में आपका स्वागत है, आज इस लेख में जानने वाले हैं कि खजूर की खेती को कैसे करें इससे हमें क्या-क्या फायदे हैं और खजूर की खेती से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी आज आपको इस लेख में मिलने वाली है। इसलिए दोस्तों आप इस पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढ़ें।

खजूर खाने से हमारे शरीर को कई प्रकार के फायदे मिलते हैं और अधिकांश लोगों को उन फायदों के बारे में पता नहीं होता है। खजूर के फल का उपयोग और भी कई सारी चीजों को तैयार करने के लिए किया जाता है जैसे कि मुरब्बा और अचार कैंडी आदि।

खजूर की खेती गर्म स्थानों पर की जाती है ऐसे स्थान जहां पर अत्यधिक गर्मी हो भारत में सबसे ज्यादा गर्मी राजस्थान गुजरात और तमिलनाडु में रहती है इसलिए यहां पर खजूर की खेती की जाती है। खजूर के पौधे को अत्यधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है और तो खजूर के पौधे की ऊंचाई लगभग 5 से 25 मीटर के बीच में होती है।

अब तक की रिसर्च के अनुसार पाया गया है कि अरब में खजूर का उत्पादन और उपभोग सबसे ज्यादा होता है रमजान के दौरान इस फल का अत्यधिक उपयोग किया जाता है कुरान में इसे एक पवित्र फल माना जाता है,

खजूर के लिए आवश्यक मिट्टी


जल निकासी वाली रेतीली मिट्टी के जरिए खजूर का उत्पादन किया जाता है, अगर हम खजूर की खेती करना चाहते हैं तो हमें जल निकासी वाली रेतीली मिट्टी का उपयोग करना होगा। खजूर की खेती को 7 से 8 के पीएच मान वाली भूमि में किया जाता है इस खेती को कठोर भूमि पर नहीं किया जा सकता है।

खजूर की खेती के लिए जलवायु और तापमान


खजूर के पौधे को अत्यधिक वर्षा की जरूरत नहीं होती है क्योंकि यह एक शुष्क जलवायु का पौधा है यह एकमात्र ऐसा पौधा है जिसे अधिक बारिश की आवश्यकता नहीं होती है बल्कि अधिक गर्मी की आवश्यकता होती है। जब रेतीली शुष्क मिट्टी में खजूर के पौधे उगाया जाता है तो इस पौधे को 30 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है। वही पकते फलों के समय 45 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है। अगर कोई व्यक्ति इस खेती को ठंडे प्रदेशों में करता है यह खेती वहां पर नहीं की जा सकती है।

खजूर की उन्नत किस्में


खजूर के पौधे में निम्न प्रकार की किस्में पाई जाती है और इसमें नर और मादा दोनों प्रकार के पौधे पाए जाते हैं जिनके बारे में हम विस्तार से जानेंगे।

नर प्रजाति


नर प्रजाति में केवल हमें फूलों की प्राप्ति होती है ना कि फलों की यानी की नर प्रजाति से आप फलों को प्राप्त नहीं कर सकते हैं।

1. धनामी मेंल – इस किस्म के पौधों पर 10 से 15 फूल खिलते हैं और यह फूल केवल 10 दिन तक ही रहते हैं,

2. मदसरी मेल – इस किस्म के पौधे पर केवल 5 फूल आते हैं और इन फूलों पर 6 परागण पाए जाते हैं,

मादा प्रजाति


इस प्रजाति के पौधे हमें फल देते हैं।

1. बरही – बरही प्रजाति सबसे अधिक पैदावार देती है इस प्रजाति का पौधा भी काफी लंबा पाया जाता है, इस पौधे में पीले रंग वाले अंडाकार फल पाए जाते हैं, इस किस्म के पौधे पर फल देरी से पकते हैं, क्योंकि इसके पौधे से 70 से 100 किलो तक खजूर प्राप्त किए जाते हैं।

2. खुनेजी – इस किस्म का पौधा बहुत जल्द विकसित हो जाता है जिसके कारण इस पौधे के फलो को बहुत जल्द प्राप्त किया जाता है। इसका फल पकने पर लाल रंग का दिखाई देता है जो स्वाद में बहुत मीठा होता है, इस किस्म का पोधा 60 किलो तक फल प्राप्त करा देता है।

3. हिल्लवी – इस किस्म का पौधा भी हमें कम समय में विकसित होकर फलों को प्राप्त करा देता है इस पौधे का फल जुलाई महीने में पककर तैयार हो जाता है। जो कि नारंगी कलर का होता है और उसके छिलके पीले कलर के होते हैं। इसके एक पौधे से 100 किलो तक फल को प्राप्त किया जा सकता है।

4. जामली – इस किस्म के पौधे का फल हमें देर से पकने के बाद प्राप्त होता है इस पौधे के फल का रंग सुनहरी पीला होता है। यह फल स्वाद में मीठा होता है।

5. खदरावी – इस किस्म के पौधे पर लगने वाला फल पिंड खजूर बनाने में सबसे अधिक उपयोग में लिया जाता है। इस किस्म का पौधा बोना होता है, और यह पौधा 60 किलो तक फल दे देता है।

6. मेडजूल – इस किस्म के पौधे पर लगने वाला फल काफी देरी से पककर तैयार होता है, और इस पौधे को सबसे ज्यादा मोरको में उगाया जाता है इस किस्म का उपयोग भी पिंड खजूर बनाने में होता है इस प्रकार के पौधे 75 से 100 किलो तक फल दे देते हैं।

खजूर की खेती की तैयारी


खजूर की खेती के लिए सबसे पहले जुताई की जाती है जिसमें की मिट्टी को उलट-पुलट कर दिया जाता है। फिर उसके बाद खेती की जमीन को समतल कर दिया जाता है।
खेत समतल हो जाने के बाद खेत में 1 मीटर व्यास वाले गहरे गड्ढे खोदे जाते हैं। अब उसके बाद गड्ढों में पुरानी गोबर की खाद को मिट्टी में मिलाकर गड्ढों के अंदर डाल दी जाती है। गड्ढों की प्रक्रिया को एक महीने पहले ही तैयार कर लिया जाता है।

खजूर के पौधे को लगाने का समय और तरीका


खजूर की खेती करने के लिए खजूर के पौधे को दो रूप से लगाया जा सकता है या तो हम बीज के रूप में पौधे को लगा सकते हैं या फिर कहीं से पौधा लाकर उस पौधे से फल को प्राप्त कर सकते हैं। दोनों तरीकों में से अगर सबसे अच्छी तरीके की बात की जाए तो बीज से पौधा उगने में बहुत देरी लगती है और पौधे से अगर हम खेती की शुरुआत करें तो इससे हमें जल्द ही फल की प्राप्ति हो सकती है।

हम 2 एकड़ में खजूर के 140 पौधे लगा सकते हैं अगर आप कम पौधे लगाना चाहते हैं तो उस हिसाब से जगह कम कर सकते हैं खजूर के पौधे को अगस्त माह में लगाया जाता है।

खजूर के पौधों की सिंचाई


हम पहले ही जान चुके हैं कि खजूर के पौधे को अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। खजूर की खेती वहीं की जाती है जहां पर बारिश बहुत कम होती है गर्मी के महीनों में पौधों को दो बार पानी दिया जाता है जबकि सर्दियों में इन्हीं पौधों को महीने में केवल एक बार पानी दिया जाता है। जब धीरे-धीरे फल पकने लगता है तों पौधों के अंदर नमी बनाए रखने के लिए उन्हें आवश्यकता अनुसार पानी दिया जाता है।

उर्वरक की मात्रा


खजूर के पौधे को बहुत कम खाद की आवश्यकता होती है। जिसमें खजूर के पौधे को हर साल 25 से 30 किलो पुरानी गोबर की खाद की आवश्यकता होती है 25 से 30 किलो पुरानी गोबर की खाद हमें खजूर के पौधे को केवल 5 साल तक देनी है

खरपतवार नियंत्रण


1 साल में खजूर के पौधे की 5 से 6 बार खरपतवार करनी चाहिए। इसके अलावा पौधों के बीच में बचने वाली जमीन पर हमें आवश्यकता अनुसार जुताई करनी चाहिए जिससे की खपतवार को हम पूरी तरीके से नष्ट कर जा कर सके।

खजूर के पौधों में लगने वाले रोग और उन रोगों के रोकथाम के लिए उपाय

दीमक

दीमक एक ऐसा कीड़ा है जो कि पूरी दुनिया में पाया जाता है जो की फसल को नष्ट कर देता है यह जड़ों में रहता है और पौधे को पूरी तरीके से नष्ट कर देता है दीमक को रोकने के लिए आपको पानी में क्लोरपाइरीफास की उचित मात्रा मिलाकर पौधों की जड़ों में डाल देना चाहिए।

पक्षी
जब पौधे बड़े हो जाते हैं और उनके ऊपर फल लगने लग जाते हैं तब पक्षी उन फलों को नष्ट करने लग जाते हैं उन्हें बचाने के लिए हमें फलों के ऊपर जालें लगा देनी चाहिए।

फलों की तुड़ाई


खजूर का पौधा 3 साल के बाद फल देता है खजूर के फल की तूडाई तीन चरणों में होती है। पहले चरण में फलों की तुडाई तब की जाती है जब फल पक जाते हैं। दूसरे चरण मैं तुडाई तब की जाती हैं जब फल नरम पड़ जाते हैं। तीसरे चरण में तुड़ाई तब की जाती है जब फल सूख जाता है। इन तीन चरणों में खजूर के पौधे पर लगने वाले फलों की तुडाई होती है,

कमाई


खजूर की खेती से एक पौधे से 5 साल में 70 से 100 किलो तक खजूर प्राप्त किए जाते हैं। बाजार में खजूर की कीमत 30 से ₹40 किलो होती है, इस प्रकार की खेती को करके किसान बहुत अधिक लाभ प्राप्त कर लेता है।

सुबह खाली पेट खजूर खाने के फायदे

यहां हम आपको सुबह खाली पेट खजूर खाने के फायदे के बारे में बताएंगे वैसे खाली पेट खजूर खाने के तो बहुत सारे फायदे हैं जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण फायदों का उल्लेख हम यहां कर रहे हैं-

प्रेगनेंसी के दौरान फायदे 

खजूर में आयरन पाया जाता है इसलिए गर्भवती महिलाओं को खाली पेट खजूर खाने की सलाह दी जाती है जोकिप्रेगनेंसी के दौरान हुए कमी को दूर करता है

 कब्ज से राहत 

यदि आपको कब्ज की समस्या है तो सुबह खाली पेट खजूर खाइए क्योंकि इसमें फाइबर की बहुत अधिक मात्रा होती है जो कि कब्ज की समस्या को दूर करने में सहायक होती है

वजन कम करता है

खजूर में फाइबर पाया जाता है जिससे भूख कम लगती है और एनर्जी हमें इससे मिल जाती है जिससे हम खाने में कन्ट्रोल कर पाते हैं फलस्वरूप वजन  को कम करने में सहायक होता है

हिमोग्लोबिन लेवल बढ़ाता है

खजूर में आयरन पाया जाता है जो कि हिमोग्लोबिन के लेवल को बढ़ाता है इसलिए जिनको खून की कमी होती है उन्हें अधिक से अधिक खाली पेट खजूर खाना चाहिए।

आंखों की रोशनी को बढ़ाता है

खजूर में भरपूर मात्रा में विटामिन ए, बी और सी पाया जाता है अगर हम इसका खाली पेट सेवन करें तो यह हम हमारे आंखों की रोशनी को बढ़ाने में सहायक होता है।

FAQ

प्रश्न: खजूर के पत्तों में लाल किट का प्रकोप दिखाई देने पर किस कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए ?

Ans: इमीडाक्लोप्रिड अथवा एक्टामिप्रिड का

प्रश्न: गर्मी के मौसम में खजूर के पौधों में सिंचाई कब की जानी चाहिए?

Ans: 15-20 दिन के अंतराल में।

प्रश्न: खजूर के पौधों में दीमक लगने पर क्या करना चाहिए?

Ans: इसकी जड़ों में पानी के साथ उचित मात्रा में मिलाकर क्लोरपाइरीफास डालना चाहिए।

प्रश्न: खजूर के पौधों में फलों की तोड़ा तुड़ाई कितने चरणों में होती है?

Ans: 3 चरणों में।

प्रश्न: खजूर की खेती में हम 2 एकड़ में खजूर के कितने पौधे लगा सकते हैं?

Ans: सामान्यता 2 एकड़ में 140 पौधे लगाना उचित होता है।

निष्कर्ष | खजूर की खेती कैसे करें?


तो दोस्तों जैसा कि आज हमने इस लेख में खजूर की खेती कैसे करें की पूरी जानकारी को जान लिया है इसके साथ ही हमने सुबह खाली पेट खजूर खाने के फायदे इसके बारे में भी विस्तार से चर्चा की दोस्तों अगर आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों में जरूर शेयर करें।

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